कोट्टनकुलंगारा चमयविलक्कू

कोट्टनकुलंगारा देवी का मंदिर केरल के कोल्लम जिले में स्थित है । इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पुरुषों का जाना वर्जित माना जाता है इसीलिए यहां प्रतिवर्ष कोट्टनकुलंगारा चमयविलक्कू त्योहार मनाया जाता है,इस त्योहार की खासियत यह है कि इसमें सभी पुरुष महिलाओं की तरह तैयार होकर यह पूजा अर्चना करने…

ब्रिटिश शासन में किन्नर

किन्नर समाज की स्थिति पहले इतनी दयनीय नहीं थी । मुग़ल शासनकाल के समय ये सेना में थे व बादशाहों की रानियों के हरम में कार्य करते थे।सन् 1871 से पहले भारत में किन्नरों को ट्रांसजेंडर का अधिकार मिला हुआ था।परंतु अंग्रेजो के शासनकाल में उनसे उनका यह हक छीन लिया गया।1871 में उन्हें क्रिमिनल…

किन्नर का वैवाहिक जीवन l

अरावन देव को किन्नरों का देवता माना जाता है इसलिए दक्षिण भारत में किन्नरों को अरावनी के नाम से पुकारा जाता है। अरावन देवता महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे और युद्ध के दौरान उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। अरावन देवता का विवाह किन्नरों से किया जाता है।यह विवाह साल में एक बार किया…

आरक्षण

कर्नाटक सरकार ने सार्वजनिक नौकरियों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए एक फ़ीसदी पद आरक्षित किए हैं।कर्नाटक सभी सरकारी सेवाओं में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

मुग़ल साम्राज्य में किन्नर

मुग़ल साम्राज्य का शासनकाल 1526 से 1857 तक रहा l मुगलिया सल्तनत के शासकों की कई हज़ार रानियाँ हुआ करती थी l मुग़ल बादशाह अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते थे l वे युद्ध में जीते गए राज्यों की रानियों और औरतो को अपनी पत्नी बना लिया करते थे , जिन्हें महल के एक अलग…

किन्नरों से भेदभाव कैसा ?

किन्नरों से हुई बातचीत से हमने जाना की किस प्रकार सामाजिक व पारिवारिक तानो के कारण इन्हें अपने परिवार से अलग होना पड़ता है l अपने माता-पिता व भाई- बहनों की खुशियों के लिए अपनी खुशियों की क़ुरबानी देनी पड़ती है l भेदभाव की वजह से उनकी पढाई भी छुट जाती है, अगर कोई पढ़…

गुरु चेला परंपरा

2014 में हुई गिनती के मुताबिक़, भारत में क़रीब पांच लाख लोग ऐसे हैं, जो ख़ुद को ट्रांसजेंडर या हिजड़ा कहते हैंl इन में ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो मध्यलिंगी हैंl   हिजड़ा समुदाय के बीच गुरु और चेलों के संबंध बेहद महत्वपूर्ण होते हैंl  ये सभी एक परिवार की तरह ही साथ रहते हैंl …

किन्नरों को श्री राम से मिला था आशीर्वाद

प्रभु श्री राम जब 14 वर्ष के लिए वनवास काटने के लिए अयोध्या छोड़ कर जाने लगे,तब सभी अयोध्या वासी उनके पीछे चलने लगे तब श्री राम ने उन्हें वापस अयोध्या लोटने को कहा। 14 वर्ष बाद जब वे वनवास खत्म करके लोटे तो उन्होंने देखा बाकी सब लोग तो चले गए थे,लेकिन किन्नर वही…