किन्नर समाज के लोग अपने आप को मंगल मुखी कहते है क्योंकि ये सिर्फ मांगलिक कार्यों में ही हिस्सा लेते हैं। ये किसी भी प्रकार के मातम में शामिल नहीं होते।
किन्नर समाज के लोग अपने आप को मंगल मुखी कहते है क्योंकि ये सिर्फ मांगलिक कार्यों में ही हिस्सा लेते हैं। ये किसी भी प्रकार के मातम में शामिल नहीं होते।