किन्नरों से हुई बातचीत से हमने जाना की किस प्रकार सामाजिक व पारिवारिक तानो के कारण इन्हें अपने परिवार से अलग होना पड़ता है l अपने माता-पिता व भाई- बहनों की खुशियों के लिए अपनी खुशियों की क़ुरबानी देनी पड़ती है l भेदभाव की वजह से उनकी पढाई भी छुट जाती है, अगर कोई पढ़ भी लेता है तो उसे नौकरी से भी वंचित रहना पड़ता है l आखिर में उन्हें अपने जैसे सदस्यों से मदत लेनी पड़ती है और वे किन्नर परिवार का हिस्सा बन जाते है। अपना पेट पालने के लिए सड़कों पर भीख मांगने जैसा काम भी करना पड़ता है l इस काम के दोरान भी उन्हें निचले व उच्च वर्ग द्वारा उत्पन्न की गई काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है l ऐसे कई कारणों से पढ़ा लिखा होने के बावजूद भी इन्हें कई तरीको की प्रताड़ना झेलनी पड़ती है l ये भी हमारी तरह ही जन्म लेते है और इनके जन्म में भी माँ को वैसा ही दर्द झेलना पड़ता है जैसा एक आम बच्चे के पैदा होने पर माँ झेलती है उसके बावजूद भी कई सामाजिक तत्वों के कारण एक माँ को अपने बच्चे से अलग रहना पड़ता है l भगवान ने सभी को एक जैसा बनाया है l सभी की उत्पत्ति एक समान हुई है फिर भी इन्हें सामाजिक तोर तरीकों से अलग रखा जाता है चाहे वे हमारी अर्थव्यवस्था से जुडी हो या धार्मिकता से उन्हें सभी चीजों से दूर रखा जाता है l जबकि हम सभी जानते है की विवाह व बच्चा होने पर इनकी दुआ बहुत ही अहम् भूमिका निभाती है l
इसके बाद भी इनके साथ यह भेदभाव क्यों?